Saturday, June 8, 2019

खुद से मिलना भूल गए

कुछ यूं बनाया संगदिल उसने,
दर्द में गैरों के पिघलना भूल गए,

लतखोरी ऐसी रही इश्क़ की,
घर से भी निकलना भूल गए,

फिर कातिल से मिले हर रोज़,
बस खुद से मिलना भूल गए....!!

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