आयतें बेचता फिरता है,
बता काफिर तू है कि मैं...?
गीता की बोली लगा कर,
किस हक़ से,
मुझे अधर्मी कहता है.....?
अगर इतने ही धार्मिक हो,
तो अब तो यीशु को,
सूली से उतार दो.....।
दो हज़ार सालों का दर्द,
यीशु ही समझे होंगे...!
धर्म धर्म, मज़हब मज़हब,
न चिल्लाओ.....!
कभी इंसान भी बनो...!
गणेश जी नहीं हैं प्यासे, न भूखे,
हाँ, 100 करोड़ बच्चों का,
पेट भर सको तो भर दो.....!
रहने दो.....!
ये तुम्हारे बस का नही!
हाँ अगर तुमने यीशु, गणेश,
या साहिब-ए-आलम को,
बोलने दिया होता.....!
तो कहते,
जाओ उसका पेट भरो,
एक बच्चा अभी भी भूखा है.....!