From Inside.......
रोशन जगमग घरों में, पसरा सन्नाटा है, मातमी उदासी है,
निगल रही है साँसों को, चाट रही है लम्हों को, रूह इस कदर प्यासी है..!
पल भर अपने ही बेटे को थपथपाने का वक़्त नहीं, उन कलाइयों के पास.....
जिनकी घड़ियों पे, हीरों की नक्काशी है...!!
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