From Inside.......
आदम ओ दुनिया की, अब बात मत कर, मैने ग़मों का समंदर देखा है,
तेरी झील झील आंखों में, किसी और के नाम का मंज़र देखा है..!!
जीने की ख्वाहिश कैसे भला? हाथ में तेरे, मैनें अपने नाम का, खंज़र देखा है..!!
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