Thursday, June 27, 2019

सुबहा


भला कहाँ छुपा है ये राज अब?
पैरहन अपने लहू में भिगो दिया है..।

भला ऐसे कैसे हुआ कि हम,
बावफ़ा भी रहे, दग़ा भी दिया है..?

सुनो कुछ शक है हमें इस रिश्ते पे,
घर बनाया भी, उजाड़ भी दिया है...!!

जब सब खो दिया है, फिर भी,
मज़ार-ए-रूह में तेरे नाम का दिया है...!!

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