From Inside.......
दिल ओ दुनिया के बीच, मेरा रिश्ता तू ही तो है
लौटा दिया ग़मे दहलीज़ से, फरिश्ता तू ही तो है,
गुज़रा सारा जहां बेहिसाब जब, आहिस्ता तू ही तो है
कहाँ रही फिक्र मेरी किसी को, एक बाबस्ता तू ही तो है..!!
Post a Comment
No comments:
Post a Comment