खाली पेट नींद नही आती,
हमसे बेहतर जानेगा भी कौन?
फाके किए हैं महीनो हमने!!
रहने दो शर्मो हया और
ये हिजाबपारस्ती, झूठ है सब
कब्र मे गुज़ारी है जिंदगी,
पर्दानशीनो हमने...!
नखरे हैं सब, और शोखियाँ,
ये जो तुम्हारे मुश्किलों के जिक्र हैं,
कसौटियों पे शबें गुज़ारी,
नज़नीनो हमने....!
और फाके किए हैं,
महीनों हमने..I
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