
कठिन है, आज भी.............
तुम्हे शब्दों की सीमा में बाँध पाना,
कभी कभी प्रयास करता रहता हूँ...........
निरर्थक रहते हैं,
कदाचित सम्भव होता..............
विश्व भी तुमसे परिचित होता।
मेरा विश्व.........
आज फिर कविता को उकसाया.......
आगे बढे, बाँध ले तुम्हे,
पर इसके शब्दों का बाहुपाश छोटा है.............
फिर से आज.......
फिर न बाँध सकी, आज........
और अधूरी है, एक कविता...................
निरर्थक = meaning less, कदाचित = perheps, gosh, उकसाया = encouraged, बाहुपाश = arm grip
तुम्हे शब्दों की सीमा में बाँध पाना,
कभी कभी प्रयास करता रहता हूँ...........
निरर्थक रहते हैं,
कदाचित सम्भव होता..............
विश्व भी तुमसे परिचित होता।
मेरा विश्व.........
आज फिर कविता को उकसाया.......
आगे बढे, बाँध ले तुम्हे,
पर इसके शब्दों का बाहुपाश छोटा है.............
फिर से आज.......
फिर न बाँध सकी, आज........
और अधूरी है, एक कविता...................
निरर्थक = meaning less, कदाचित = perheps, gosh, उकसाया = encouraged, बाहुपाश = arm grip
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