Wednesday, June 21, 2023

मैं

ये जान कर हर शाम,

और गुनाह करता है वो,

के सुबह सुबह,

माफ कर दूंगा मैं..!


जिस बिस्तर पे,

कत्ल हुआ रात मेरा,

अपने ही हाथों,

साफ़ कर दूंगा मैं..!!


हमारी भी कहानी में,

नया कुछ नही,

उसके हाथ में,

हर रात खंजर होता है,

और साथ में मैं..!!


कहानी खत्म और हाथ,

मेरे कुछ आया ही नहीं,

उसके हाथ सब आया,

और साथ में मैं।

No comments: