वहीं घाव लिखते हो?
वहीं खंजर लिखते हो?
वहीं इक हाथ लिखते हो दोस्त?
कैसे इतने कातिल?
अल्फाज लिखते हो दोस्त?
वफा के तगादों से,
तुमने ही जान ली,
तुम ही हमे
दगाबाज लिखते हो दोस्त?
स्याही से लहू की,
महक आती है
कैसे जुल्म का नगमा लिखते हो?
कैसे सितम का साज लिखते हो दोस्त?
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