Wednesday, June 21, 2023

आइना समझ ले मुझे

 भला यह कैसी,

फरियाद करता हूं?

तू सामने होता है,

और तुझे याद करता हूं..!


यह कैसा सितम है

यह कैसे कत्ल किया है तूने?

मुझ में और मिट्टी में फर्क

कैसे खत्म किया है तूने?


समझ नहीं आता

इश्क हूं कि समझौता हूं मैं?

तेरे आगोश में होता हूं,

तो क्यों दर्द में होता हूं मैं?


चल आईना समझ ले,

तोड़ दे मुझे,

बंदिश नहीं हूं,

मजबूरी भी नहीं

छोड़ दे मुझे..!!

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