होता है दिल में दर्द
बताना ही चाहें सब,
बताना ही चाहें सब,
जरूरी तो नहीं....?
प्यार, प्यार ही होता है
पर निभाना जरूरी तो नहीं...?
पर निभाना जरूरी तो नहीं...?
दिलों में खलिश
यूं भी हो सकती है
दूरी ही हो जरूरी तो नहीं...!
यूं भी हो सकती है
दूरी ही हो जरूरी तो नहीं...!
ख्वाहिश, ख्वाहिश है
आधी है तो भी सही
पूरी हो जरूरी तो नहीं...!
पूरी हो जरूरी तो नहीं...!
तुमको उम्मीदें,
तो तुम्हारी ही होगी,
तो तुम्हारी ही होगी,
शिकन, किसी और के,
माथे पे हो जरूरी तो नहीं...!
मिला भी और नहीं भी
लकीर आधी भी थी
मेरी हथेली में पूरी तो नहीं....!
लकीर आधी भी थी
मेरी हथेली में पूरी तो नहीं....!
तू ही वजह हो जीने की
जरूरी तो नहीं...?
जरूरी तो नहीं...?
मुहब्बत....मुहब्बत है,
मजबूरी तो नहीं....!
1 comment:
जो भी लिखा अच्छा ही लिखा हो
यह जरूरी तो नहीं ?
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