अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे पर आज मैँ एक परिचर्चा सुन रहा था जिसमे अफगानिस्तान पाकिस्तान ओर भारत के प्रतिनिधि शामिल हुए।
परिचर्चा के दौरान ही यह साबित हो गया की क्षेत्रीयआतंकवाद की जड़ पाकिस्तान के एसे कट्टरवादी लोगोँ हे जो ना खुद चैन से रहते हे न दूसरोँ को रहने देते हैँ अफगानिस्तान के प्रतिनिधियो ने भारत की इस बात का समर्थन किया।
मैं इस तरह के वाद विवाद सुनने का अभ्यस्त हूँ लेकिन आज ये देख कर दंग रह गया कि पाकिस्तान के प्रतिनिधियो ने आर एस एस, बजरंग दल, मुक्ति वाहिनी और विश्व हिंदू परिषद का नाम लेकर हिंदुओं को भी उसी कट्टरवादी श्रेणी मेँ रख दिया इसके ठीक बाद भारत और अफगानिस्तान के प्रतिनिधि विचलित दिखाई देने लगे।
यह अफसोसजनक है की कुछ कट्टरवादी हिंदू संगठनोँ के कारण सभी हिंदुओं की कई हजार साल पुरानी अहिंसक प्रकृति पर प्रश्नचिंह लग रहे हैं।
कुछ ओर हो ना हो पर आर एस एस और बजरंग दल की कट्टरवादिता के कारण हिंदुओं को भी मुसलमानोँ की तरह कट्टरवादी और हिंसक समझा जाने लगेगा।
No comments:
Post a Comment