Wednesday, June 29, 2016

आदर्श

अपने आप में एक चिरंतन प्रगतिवादी घटना है जिसकी परिभाषा घटना के प्रादुर्भाव के पहले ही क्षण स्वयं को झुठला देती है।
आदर्श का अस्तित्त्व प्रकृति के सन्दर्भ में प्रतिपल बदलता है लेकिन मानव स्मृति में यह घटना भाव बन कर लंबे समय तक रह जाती है यही कारण है की मानव सभ्यता में "आदर्श" जीवित रहते हैं।

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