अपने आप में एक चिरंतन प्रगतिवादी घटना है जिसकी परिभाषा घटना के प्रादुर्भाव के पहले ही क्षण स्वयं को झुठला देती है।
आदर्श का अस्तित्त्व प्रकृति के सन्दर्भ में प्रतिपल बदलता है लेकिन मानव स्मृति में यह घटना भाव बन कर लंबे समय तक रह जाती है यही कारण है की मानव सभ्यता में "आदर्श" जीवित रहते हैं।
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