Friday, April 4, 2008

सफर

मुझे लगे मैं तन्हा चलूँ,
पर संग मेरे तन्हाई चले,
एक सुबह उगे,
एक शाम ढले,
कहीं भी रहूँ ,
पर संग तेरा नाम चले !

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