Monday, July 27, 2015

पिछला वाला मैं

तरसे होंगे, तड़पे होगे,
हाँ जानता हूँ मैं....

सिसके होगे तकिये के पहलू
हाँ जानता हूँ मैं...

प्यार था, कभी बेशुमार था,
जानता हूँ मैं.....

सुबह से शाम सिर्फ इंतज़ार था,
हाँ जानता हूँ मैं..

दिल रख लिया तुमने
सौ दफा मेरा,
हाँ जानता हूँ मैं...

मैं, मैं न था
दर्द था.....!
हाँ जानता हूँ मैं.....

और इधर

एहसानों की गठरी है
चाहतों का बोझ है
और मैं हूँ....

क्या जानते हो तुम?

क्या पिछले वाले 'मुझको'
पहचानते हो तुम?

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