Tuesday, June 10, 2008

हालात यूँ ही बदलते रहे........
तो किस्मत एक रोज़ उलझ ही पड़ेगी,
पिघलता रहेगा दिल बर्फ बन बन कर,
और इस गुज़रते वक्त को.......
पल पल अपनी जवानी देता हूँ मैं...

घुटनों पे झुकती हैं, आरजुएँ
दो पल और जिंदगी मांगती हैं...
अपने अश्क पिला देता हूँ....
फिर टूटे हुए ख़्वाबों की,
ख़ुद को निशानी देता हूँ मैं.....

जानता हूँ कि कट ही जायेंगे कल....
फिर भी दरख्तों को पानी देता हूँ मैं,
जिंदगी मांगती है मुझसे तो.....
हर रोज़ नई कहानी देता हूँ मैं............

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