Thursday, June 19, 2008

इस बाज़ार में शोर बहुत है......

भीड़ ज्यादा हो तो बेचारे बछडे,
मेढ़े के भाव भी नही चढ़ पाते,

सोचता हूँ मैं भी दूकान समेट लूँ...........
इस बाज़ार में शोर बहुत है।

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