उनकी बसें भी हैं,
कुछ कंप्यूटर भी सिखाते हैं,
अपना संस्थान अनुशासन से चलाते हैं,
शहर में कुछ नए स्कूल खुले हैं!
सभी सामान्य विषय उपलब्ध हैं,
कुछ ने पर्यावरण पर,
ध्यान केन्द्रित किया है!
लोगों में होड़ लगी है,
शहर में नए स्कूल खुले हैं!
पर यहाँ गुरुजी क्यों नही दिखते?
प्रजाति विलुप्त हो गयी क्या?
नैतिक शिक्षा की जगह,
सेक्स शिक्षा ले ही लेगी क्या?
पर कुछ पुराने भी तो थे?
उनका क्या हुआ?
क्या सिमट गए?
संस्कृति के वस्त्रों के समान!
1 comment:
sashakt rachnaa...
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