ये वाद.....!
मुझे न जचे,
न जचेंगे......!
क्यों......?
क्योकि मेरे लिए नहीं थे।
लूथर बस लूथर था।
पूरा अमेरिका तो नहीं....?
गोर्की भी गोर्की ही था।
पूरा सोवियत तो नहीं...?
और माओ..?
छोडो जाने दो.....!
मैं......?
मैं तो हिन्दोस्तान हूँ!
बासी विचार मेरे लिए?
मत थोपो न....?
इण्डिया जगत गुरु रहा है।
सुन कर, कह कर।
तालियाँ पीटने के सिवा भी,
बहुत कुछ बाकी है।
अपना वाद रचो।
चाहो तो संतुलन वाद कहो,
या सर्व वाद......?
तुम्हारा अंकुरण,
मुझे...जीवन देगा।
तो.......?
नया दो! मेरे मुताबिक। मेरे लिए!
तुम्हारे लिए....!
हमारे लिए.....!
मुझे न जचे,
न जचेंगे......!
क्यों......?
क्योकि मेरे लिए नहीं थे।
लूथर बस लूथर था।
पूरा अमेरिका तो नहीं....?
गोर्की भी गोर्की ही था।
पूरा सोवियत तो नहीं...?
और माओ..?
छोडो जाने दो.....!
मैं......?
मैं तो हिन्दोस्तान हूँ!
बासी विचार मेरे लिए?
मत थोपो न....?
इण्डिया जगत गुरु रहा है।
सुन कर, कह कर।
तालियाँ पीटने के सिवा भी,
बहुत कुछ बाकी है।
अपना वाद रचो।
चाहो तो संतुलन वाद कहो,
या सर्व वाद......?
तुम्हारा अंकुरण,
मुझे...जीवन देगा।
तो.......?
नया दो! मेरे मुताबिक। मेरे लिए!
तुम्हारे लिए....!
हमारे लिए.....!
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