Innerself अंतस
From Inside.......
Sunday, September 6, 2009
ग़लतफहमी.....
हम पे भी गुजरी है, कुछ ऐसी ही,
ख्यालों
से परे जा कर देखा,
तो दुनिया ही कुछ और थी...........
क्या कभी ये नही हो सकता कि किसी की आंखों को या किसी की आँखे हमें ग़लत पढ़ते रहें............कई दिन,
महीनो, सालों या फिर सारी उमर..........
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