Friday, April 16, 2010

यूं एक सिरे के रिश्ते पे,
यकीं किसको हैं..........

कहने को तो सबकी अपनी अपनी,
पर सच में सरजमीं किसको हैं................

तुम उसके हो चले आखिर,
ये खुशफहमी किसको हैं............

2 comments:

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

बढियाँ लिखे हैं..लेकिन दुसरा वाला में गड़्बड़ देखाई देता है..’सरजमीन किसको’ नहीं होगा ‘सरजमीन किसकी’ होगा..हमरा फोलोअर बनने के लिए धन्यबाद..

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

nayaa post dekhiyegaa..