लोग कहते हैं,
मैं दिन ब दिन......!
गिरता जा रहा हूँ,
मेरा पतन हो रहा हैं........!
क्या कहू.......?
यही की......
एक रोज़ बेदर्दी से.....
तुमने मेरे कदमो तले,
ज़मीन निकल दी थी.....
I hate you,
I dont want to see you again.....
याद हैं न............?
मैं अपराधी हूँ...........?
बताओ.............?
गिरू न तो क्या करू....?
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