खलाओं का अदना सा,
बाशिंदा है वो,
लेकिन मर्तबा उसे,
आसमानी चाहिए..!!
रिश्तों में जिसको,
रत्ती भर भरोसा नही,
उसे भी हर रिश्ता,
खानदानी चाहिए..!!
बातें तो कच्ची मिट्टी होती हैं,
बिगाड़ तो कोई भी सकता है,
इक हुनर आना जरूरी है,
बात बनानी चाहिए..!
सूरत पे मिट गया था,
बड़ी जल्दबाजी में था,
पहले उसे मेरी,
सीरत आज़मानी चाहिए..!!
वो मांग रहा है,
कुछ भी अना सना,
हर चीज अब उसे,
मनमानी चाहिए..!!
मुझको आशनाई में,
शगल से परहेज़ है,
मुहब्बत में कोई,
खुद सा सानी चाहिए..!!
इश्क की कोई,
लिखा पढ़ी नहीं होती,
बस तेरा वादा एक,
मुंहजबानी चाहिए.!!
बचपन की मोहब्बत का,
वो एक पल लौटा दो,
ले जाओ सारी मेरी,
जिसको नौजवानी चाहिए..!!
रहूं तो सब के लबों पर,
मुस्कान बन कर,
जब न रहूं तो,
हर आंख में पानी चाहिए..!!
ऐ खुदा बोल दे तू,
फरिश्तों को अपने
गर मेरा दिल टूटे तो फिर,
जान भी जानी चाहिए..!
सब उठेंगे रोज़ ए हश्र में,
मैं सोता रहूंगा लेकिन,
तेरा इश्क मुझसे सच्चा था,
यही इक बदगुमानी चाहिए.!!
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