सच्चे मोती....
देखे हैं पहली बार,
तुम्हे मुस्कुराते देखा आज....
मेरे हर सवाल का जवाब,
यूं ही खूबसूरत,
क्यों नहीं होता.........?
सोच ही रहा था........
और बस फिर से,
तुम्हे मुस्कुराते देखा........
भरोसा हो चला है मुझे,
मेरी भी दुआ कबूल होती है.......
कुछ दिनों से,
मेरी सुबह खास होती है.........
प्यारी सी खुशबू,
एक गुलाब की,
रोज छू लेती हैं मुझे,
किसी न किसी बहाने....
एक दुआ तम्मना बन कर,
रोज लबों पे आ जाती है............
ये मदहोशी के दिन,
बस यूं ही चलते रहें........
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