Wednesday, July 2, 2025

मर्द अक्सर तन्हा होते हैं

जनाजों में, बारातों में,

वस्ल में, मुलाकातों में,

मर्द अक्सर तन्हा होते हैं!


बचपन महफिलों में बीता जिनका,

अक्सर अकेलेपन में, जवां होते हैं,


कुछ उनके जिस्म पे, घाव होते हैं,

कुछ ज़ेहन पे निशां होते हैं,


अपनी ही परछाइयों से

घबराते हैं, बदगुमां होते हैं,

मर्द अक्सर तन्हा होते हैं।


ताउम्र गुरूर में रहने वाले

रोज़ ए हश्र पशेमां होते हैं।


सलीबों के हकदार

अक्सर नौजवां होते हैं।

मर्द अक्सर तन्हा होते हैं।


तरबियत का कर्ज चुकाते,

भले इंसा होते हैं,

मर्द अक्सर तन्हा होते हैं


हर जगह होते हैं,

पर खुद में कहां होते हैं?

मर्द अक्सर तन्हा होते हैं।